चाँद निकला गली से gulabchandj55@gmail.com
चाँद निकला गली से किधर जाएगा|
रोके रखो इसे दिन संवर जाएगा||
जिन्दगी में मिलेगा दुबारा कहां,
लौट करके पूछो किधर आएगा|
जाना होगा वो सोचो जाएगा कहां?
आया था वो जिधर से उधर जाएगा||
बेखुदी के लिए बेबसी के लिए|
बेवफा जो हुआ तो बिखर जाएगा||
बेखबर भी है चिलमन बेअसर भी है वो,
पास जा के कहोगे बिफर जाएगा||
चाँद निकला गली से किधर जाएगा|
रोके रक्खो इसे दिन संवर जाएगा||